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अमित शाह के बेटे ने किया 100 Cr की मानहानि का केस

अमित शाह के बेटे ने किया 100 Cr की मानहानि का केस
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बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह ने एक वेबसाइट पर 100 करोड़ की मानहानि का केस किया है। वेबसाइट ने जय शाह के स्वामित्व वाली कंपनी द्वारा कथित अनियमितताओं के संकेत दिए थे। इसके बाद सत्तारूढ़ दल और कांग्रेस के बीच तीखा वाकयुद्ध देखने को मिला। बाद में दोनों पार्टियों की इस जुबानी जंग में AAP सहित अन्य पार्टियां भी शामिल हो गईं।
रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज में दर्ज जानकारियों का हवाला देते हुए साइट ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि टेंपल एंटरप्राइज प्राइवेट लिमिटेड, जिसमें जय शाह डायरेक्टर हैं, का टर्नओवर 2014-14 की तुलना में 2015-16 में 16000 गुना बढ़ गया। रिपोर्ट के मुताबिक 2014-15 में कंपनी का टर्नओवर 15000 रुपये था जो 2015-16 में बढ़कर 80.5 करोड़ हो गया।
रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने राज्य सभा सांसद परिमल नाथवाणी के रिश्तेदार राजेश खंडवाल से 15.78 करोड़ का लोन भी हासिल किया। परिमल नाथवाणी रिलायंस इंडस्ट्रीज में सीनियर एग्जिक्युटिव भी हैं। जय शाह ने बयान जारी कर किसी भी प्रकार की अनियमितिता के आरोप का खंडन किया है। जय शाह ने बयान में लेख को झूठा, अपमानजनक और उनकी बदनामी की कोशिश करने वाला बताया है। जय ने कहा कि यह लेख लोगों के मन में यह धारणा बनाना चाहता है कि मेरे पिता अमितभाई शाह की राजनीतिक हैसियत की वजह से मेरी कंपनी को सफलता मिली है।
जय ने कहा कि उनका व्यवसाय पूरी तरह से वैध है और इसे वैध तरीके से ही चलाया जाता है। उन्होंने कहा कि इसे मेरे टैक्स रिकॉर्ड्स और बैंकिंग के लेन-देने के जरिए समझा जा सकता है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इस मामले में जांच की मांग की है। वहीं रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शाह का जोरदार समर्थन करते हुए कहा है कि कोई अनियमितता नहीं हुई है।
पीयूष गोयल ने कहा कि खंडवाल करीब दशक भर से शाह के स्टॉक ब्रोकर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोन बिल्कुल सही तरीके से एक फाइनैंस कंपनी से लिया गया था और इसकी जानकारी सबको थी। गोयल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि लेख में बिल्कुल भी कोई तथ्य नहीं हैं, हम जय शाह के खिलाफ सभी आरोपों को खारिज करते हैं। इससे पहले कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा था कि ऐसा लगता है कि सत्ता बदलने के बाद कुछ लोगों का भाग्य भी बदल गया है।
सिब्बल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'आज हम प्रधानमंत्री, प्रधान सेवक से एक सवाल पूछते हैं। अब आपका इस घोर पूंजीवाद पर क्या कहना है? क्या आप सीबीआई को इस मामले की जांच का आदेश देंगे? क्या आप ईडी से इन लोगों को गिरफ्तार करने को कहेंगे? क्योंकि विपक्ष से जुड़े मामलों में ईडी नोटिस देने और गिरफ्तारी करने में काफी तेजी दिखाती है। अगर किसी का नाम जय, अमित और शाह तो उन्हें कौन गिरफ्तार कर सकता है। मैं आपको विश्वासपूर्वक बता सकता हूं कि प्रधानमंत्री खामोश रहेंगे।'
मोदी पर हमला करते हुए सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया कि 'मोदी के नेतृत्व में करप्शन का एक नया मामला। बिरला-सहारा डायरी, GSPCL, व्यापम, ललित मोदी, चावल और खनन घोटावा। पीएम क्यों चुप हैं?' येचुरी ने कहा कि एलके आडवाणी ने जैन हवाला डायरी एपिसोड के बाद इस्तीफा दिया था। भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद बंगारू लक्ष्मण ने पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ा था। येचुरी ने पूछा कि क्या अब ऐसा मोदी सरकार में होगा।
सीपीआई के नेता डी राजा ने इस मामले की जांच कोर्ट की निगरानी में उच्च स्तरीय SIT से कराने की मांग की है। वहीं AAP ने आरोपों के संबंध में आपराधिक जांच की मांग की है।
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