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ट्रेन में कोच की छत काट 'फिल्मी स्टाइल' में लूटे RBI के पौने 6 करोड़ रुपये

ट्रेन में कोच की छत काट फिल्मी स्टाइल में लूटे RBI के पौने 6 करोड़ रुपये
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चेन्नई: देश में अब तक की सबसे बड़ी ट्रेन डकैती हुई है. चलती ट्रेन से करीब 6 करोड़ रूपये लुटेरों ने ट्रेन की छत काटकर लूट लिए हैं. ये घटना तमिलनाडु के सलेम की है. जहां एक ट्रेन से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को भेजी जा रही 340 करोड़ रूपये नकदी में से लूटेरों ने करीब पौने 6 करोड़ रूपये चुरा लिए गए. जिस ट्रेन में डकैती हुई उसमें नोटों के 226 बक्सों में 342 करोड़ रुपये रखे हुए थे. लुटेरे इसमें से दो बॉक्स लूट ले गए.

चलती ट्रेन में लूट की इस वारदात को अंजाम देने के लिए लुटेरों को आइडिया शायद फिल्मों को देखकर ही मिला था. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि पुख्ता प्लान के साथ इस सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया गया है. वो ऐसे कि लुटेरों ने ट्रेन की छत काटने के लिए उस जगह का इस्तेमाल किया जहां ट्रेन बिजली की जगह डीजल पर चलती है.

यानी सलेम और वृद्धाचलम के बीच लुटेरों को ट्रेन की छत काटने का मौका मिला होगा. इन दोनों स्टेशनों के बीच की दूरी करीब सवा सौ किलोमीटर है और इस दूरी को तय करने में करीब दो से ढाई घंटे का वक्त लगा होगा. यानी लुटेरों ने दो से ढाई घंटे में ही ट्रेन की छत काटी और पौने छे करोड़ रुपये लेकर फरार हो गए.

सलेम से ट्रेन सोमवार की रात 9 बजे खुली थी जो कल सुबह करीब 4 बजे जब चेन्नई पहुंची तब जाकर लूट का खुलासा हुआ. नोटों से भरी पेटियों को रिजर्व बैंक में जमा करने के लिए ले जाया जा रहा था. इनमें से ज्यादा नोट कटे फटे और पुराने थे. देश में इस तरह की ये पहली वारदात है.

ट्रेन के यहां पहुंचने के बाद 226 पेटी में नकदी से भरी चार पेटी से छेड़छाड़ की घटना के प्रकाश में आने के कुछ घंटे बाद आईजीपी एम रामसुब्रमणि ने बताया कि पांच करोड़ रूपये की चोरी हुई है. बहरहाल, आरबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि ट्रेन से 340 करोड़ रूपये फटी पुरानी नकदी 226 पेटी में सलेम से चेन्नई भेजी जा रही थी.

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अधिकारी ने कहा, ''सलेम से चेन्नई पहुंचने के बाद लकड़ी की 226 पेटी में से चार पेटी में छेड़छाड़ पाई गई.'' पुलिस ने बताया कि नकदी पेटी से भरे तीन मालवाहक डिब्बों में एक का एयरवेंट टूटा हुआ पाया गया जिससे संदेह है कि किसी ने उपर से प्रवेश किया. .

पुलिस को संदेह है कि अपराधी सलेम-वृद्धाचलम खंड पर कोच में घुसे होंगे जहां पर ट्रेन बिजली पर नहीं बल्कि डीजल इंजनों पर चलती है जिससे लुटेरों के लिए उपर से रास्ता बनाना आसान हो गया होगा.

पुलिस ने बताया कि वे कई एंगल से जांच कर रहे हैं कि नकदी के लिए मुहैया करायी गई. पुलिस सुरक्षा के बावजूद चोरी कैसे हुई. पेटी में 2005 से पहले की नकदी के साथ ही मैली फटी मुद्रा भी थी.

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