BSF एग्जाम टॉप करने वाले कश्मीरी युवा नबील अहमद वानी को धमकी दे रहे हैं आतंकी
BY Suryakant Pathak17 May 2017 1:03 AM GMT
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Suryakant Pathak17 May 2017 1:03 AM GMT
नई दिल्ली.जम्मू के रहने वाले BSF के असिस्टेंट कमांडेंट ने सरकार को चिट्ठी लिखी है कि आतंकवादी उसे धमकी दे रहे हैं। अफसर ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि उसकी बहन को भी धमकाया जा रहा है और उसके लिए हॉस्टल का इंतजाम किया जाए। नबील अहमद वानी ने BSF असिस्टेंट कमांडेंट के लिए हुए ऑल इंडिया एग्जाम में टॉप किया था। नबील फिलहाल BSF ट्रेनिंग एकैडमी टनकपुर (ग्वालियर) में हैं। बता दें कि पिछले हफ्ते जम्मू-कश्मीर के शोपियां में लेफ्टिनेंट उमर फयाज की आतंकियों ने हत्या कर दी थी। वो एक शादी में शामिल होने के लिए छुट्टी में घर आए थे। आर्मी में जाने के लिए उन्हें आतंकियों की तरफ से धमकी भी मिल रही थी।
बहन को हॉस्टल छोड़ने को कह रहा है कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन...
नबील ने वुमन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट मिनिस्टर मेनका गांधी को रविवार को एक लेटर लिखा। चिट्ठी में नबील ने कहा, "मेरी बहन चंडीगढ़ से सिविल इंजीनियरिंग कर रही है। वो हॉस्टल में रह रही है, लेकिन कॉलेज एडमििनस्ट्रेशन उसे कहीं और जाने को कह रहा है। मेरी बहन के लिए हॉस्टल का इंतजाम किया जाए।
बहन इस बात को लेकर परेशान है कि कश्मीर होने के नाते उसे कहीं भी जगह नहीं मिलेगी। खासतौर से मेरे बैकग्राउंड को देखते हुए। मैं नहीं चाहता कि पर्सनल मैटर में BSF का इन्वॉल्वमेंट हो, इसलिए मैंने मिनिस्टर को लेटर लिखा।
छुट्टी पर जाएं तो हथियार ले जाने की इजाजत मिले
नबील ने बताया, "मैंने अपने सीनियर से भी बात की है। मैंने उनसे कहा है कि जब हम लोग छुट्टी पर जाएं तो हमें हथियार साथ ले जाने की इजाजत दी जानी चाहिए। खासतौर से आतंकवाद से प्रभावित इलाकों में और हमारा ट्रैवल प्लान भी सुरक्षित होना चाहिए।
लेफ्टिनेंट उमर के मर्डर के बाद परिवार की फिक्र है
मैं अगले दो महीने में अपने चचेरे भाई की शादी में जाऊंगा। मेरे जैसे लोग और हमारे परिवार को आतंकवादियों से खतरा रहता है। लेफ्टिनेंट उमर फयाज की हत्या के बाद मैं अपनी फैमिली की सिक्युरिटी को लेकर डरा हुआ हूं। मेरी मां जम्मू में अकेली रहती है और मेरी बहन चंडीगढ़ में। मैं परेशान हूं। खासतौर से तब, जब आतंकवादी हमारे परिवारों को निशाना बना रहे हैं।
मिनिस्ट्री ने क्या जवाब दिया
मिनिस्ट्री के एक सीनियर अफस के मुताबिक, "नबील ने 14 मई को मेनका गांधी को लेटर मेल किया था। इसके तुरंत बाद मिनिस्टर ने कॉलेज अथॉरिटीज से बात की, जिन्होंने अब नबील की सिस्टर को हॉस्टल में रुकने की इजाजत दे दी है।
नबील ने कहा कि मैं उन सभी कश्मीरियों के लिए परेशान हूं, जो आर्मी या पैरामिलिट्री फोर्सेस में काम कर रहे हैं। हम सभी तमाम विरोधों के बावजूद आर्मी ज्वाइन करते हैं और अब कश्मीर अफसरों को मारने का चलन हो गया है। ऐसे सभी कश्मीरियों के सिर पर तलवार लटकी है। ये बहुत परेशान करने वाली चीज है।
मेरी बहन अब हॉस्टल के रूम में सेफ है। उसके लिए प्रार्थना करिए, वो जम्मू-कश्मीर की पहली ऐसी लड़की बनना चाहती है, जो देश की सेना मेें शामिल होगी।
लेफ्टिनेंट उमर को मिली थी धमकी
बता दें कि आतंकियों ने लेफ्टिनेंट फैयाज को सेना ज्वाइन नहीं करने की धमकी दी थी। पर उन्होंने इन धमकियों की परवाह नहीं की। पिछले चार साल में ट्रेनिंग के दौरान उमर 12 बार घर आए। उन्होंने कभी भी सैनिकों को टिकट पर मिलने वाली छूट का फायदा नहीं लिया। बल्कि पूरे पैसे देकर टिकट ली।
पिछले हफ्ते मंगलवार को उन्हें एक मैरिज फंक्शन से अगवा किया गया था। अगले दिन उनकी बॉडी मिली थी, जिस पर गोलियों के िनशान थे।
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