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काका, ई कश्मीरियत का होत है हो?

काका, ई कश्मीरियत का होत है हो?
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गांव में सबसे गियानी बुझे जाने वाले बटेसर पांडे से कमलेशवा ने कोसचेन किया- काका, ई कश्मीरियत का होत है हो?

काका ने ठेंठ साहितकारी इस्टाइल में एक मिनट में पौने दो सौ किसिम का मुह बनाने के बाद जवाब दिया- बेटा, कश्मीरियत किसी नेता का इमान है, कश्मीरियत अदालत का न्याय है, कश्मीरियत वकील का सत्य है, कश्मीरियत किसी क्लर्क की ईमानदारी है, कश्मीरियत तवायफ की मोहब्बत है, कश्मीरियत राजनैतिक गठबंधन का धर्म है, कश्मीरियत पुलिस की सेवा है, कश्मीरियत M. D. M युग के मास्टरों द्वारा पढ़ाई गयी विद्या है, कश्मीरियत हीरोइनों का सौंदर्य है, कश्मीरियत पर्दे के नायक का नायकत्व है, कश्मीरियत बाजारू सरसो के तेल के भीतर का तेल है, कश्मीर बिहार वाले चाचा भतीजा का प्रेम है, कश्मीरियत गूलर का फूल है, या सबसे ज्यादा कश्मीरियत किसी हिजड़े का पुरुषार्थ है।

चेलवा का दिमाग खराब हो उठा। बोला- काका हो, तुम मुशायरे के मंच से ग़ज़ल नहीं गा रहे हो कि कुछ भी कह के ताली ठोकवा लोगे, तनी बुझाने वाला बात बोलो मरदे।

बटेसर काका मुस्किया उठे और अबकि तनि देहाती अंदाज में बोले- तिरहुतिया नाच देखे हो कमलेश? उसमें जवन राजा बनता था, उ लगन बीतने के बाद साढ़े पांच महीना गांव गांव घूम के खजुअट का दवाई बेचता था। तो जिस तरह उसका राजा होना झूठ था, उसी तरह कश्मीरियत भी एक किसिम का झूठ है।

कमलेशवा पिनक उठा। बोला- तू तो भंटा नियर पका दिए मरदे, तनि बुझाने लायक बात बोलो न हो..

काका ने माथे से बुद्धिजीविता की निशानी पगड़ी उतारी और गरिया के बोले- त सुन ससुरा, कश्मीरियत दुनिया के इतिहास का सबसे बड़ा धोखा है। जिस जगह के लोगों ने अपने दस लाख पड़ोसियों को मार कर घर से बेघर कर दिया, उनकी बहू बेटियों की इज्जत लूट ली, उनका घर जमीन हड़प लिया, उनको यह कहना कि तुम बड़े ही शांतिप्रिय लोग हो और तुम्हारी संस्कृति प्रेम की है, उतना ही बड़ा झूठ है जितना बड़ा झूठ भारत और अमेरिका की दोस्ती है। बाकिर देखो ना, हमारे देश के नेता हमको लोला बनाने के लिए कश्मीरियों को लोला बनाने का प्रयास यह जानते हुए भी करते हैं कि कश्मीरी ही सबको लोला बना रहे हैं।

-तो काका, इस हरामखोर कश्मीरियत का कवनो उपाय है कि नहीं हो?

-बेटा उपाय वही है जो आधे कश्मीर के साथ पाकिस्तानी करते हैं। कश्मीरियत पर यदि पाकिस्तानियत लगाया तो वहां हिंदुस्तानियत आने में महीने भर भी नहीं लगेंगे। जब पाकिस्तान पर लट्ठ पड़ते हैं तो "भारत की बर्बादी तक जंग चलेगी" कहने वाले कन्हैयालाल भी "भारत माता की जय कह उठते हैं।

कमलेश बोला-ठीक कहते हो काका।

काका गरजे- हम तो हमेशा ठीके कहते हैं, पर सुनता कौन है रे? चल अपना काम कर।

सर्वेश तिवारी श्रीमुख

गोपालगंज, बिहार।

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