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भोजपुरी कहानिया

प्रेम में सफलता के श्रीमुख सूत्र

प्रेम में सफलता के श्रीमुख सूत्र
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यूँ तो प्रेम इस जगत का सबसे पवित्र कार्य है, पर किसी का प्रेम प्राप्त कर पाना अत्यंत कठिन कार्य भी है। पर यदि पूरी लगन और निष्ठा के साथ कठिन परिश्रम और सतत प्रयास किया जाय, तो प्रेयसी का हृदय जीतना बहुत आसान हो जाता है।
किसी तरुणी के प्रेम में अनुरक्त युवा को कुछ आवश्यक बातों पर ध्यान देना चाहिए।
सर्वप्रथम तो प्रेमी को चाहिए कि वह सदैव प्रेयसी के समक्ष रहने का प्रयत्न करे, ताकि भावी प्रेयसी की आँखों में रहे। उसे तरुणी के इर्द गिर्द इस तरह मंडराना चाहिए जिस तरह चुनाव के दिनों में कोई नेता जनता के इर्द गिर्द मंडराता है। उदाहरण के लिए मान लीजिए कि प्रेयसी किसी सैंडिल की दुकान में खड़ी हो तो प्रेमी को चाहिए कि वह भी उस दुकान पर जा के सेल्समैन से जूता दिखाने को कहे। भले प्रेमी के पिताजी आज भी एक सौ पैंतीस वाला चमरौधा पहनते हों, पर प्रेमी को प्रेयसी के सामने सदैव एडिडास का जूता मांगना चाहिए। इससे प्रेयसी की निगाह में प्रेमी का भाव पेट्रोल की तरह बढ़ता है। पर यहां एक सावधानी की आवश्यकता है। प्रेयसी के सामने एडिडास का जूता मांगते प्रेमी को ध्यान रखना चाहिए, कि उस समय उसके पैरों में डेढ़ सौ वाला गोल्डस्टार न हो। अगर ऐसा हुआ तो भावी प्रेयसी अपने निजी चप्पल से थुरेगी ज्यादा और गिनेगी कम।
एक बात और ध्यान रखने योग्य है कि जूता खरीदना नही है, क्योंकि यदि आपने अपने अभिभावकों को बिना बताए दस हजार का जूता खरीद लिया तो नब्बे फीसदी संभावना है, कि घर पहुचने पर आपका स्वागत उसी जूते से हो।

प्रेयसी के प्रेम में अनुरक्त प्रेमी के लिए शास्त्रों में एक बहुत ही महत्वपूर्ण श्लोक मिलता है-
कागचेष्टा बकोध्यानम श्वाननिद्रा तथैवच
अल्पहारी गृहत्यागी प्रेमार्थी पंचलक्षणम।

वैसे तो इस श्लोक को कुछ विद्वान विद्यार्थियों के लिए लिखा गया बताते हैं, पर वास्तव में यह प्रेमर्थियों के लिए ही रचा गया था। वैसे ठीक से देखें तो विद्यार्थी और प्रेमार्थी में कोई विशेष अंतर नही होता, बल्कि आज का हर विद्यार्थी, विद्यार्थी कम और प्रेमार्थी ज्यादा होता है। एक तरुण युवा जब पहली बार कॉलेज जाता है तो उसकी नजरें किताबों से पहले गर्लफ्रेंड को देखना चाहती हैं। इस प्रकार विद्यार्थी और प्रेमार्थी के लिए एक ही श्लोक प्रभावी होना आश्चर्यजनक नही लगता।
इस श्लोक के अनुसार प्रेमार्थी का सबसे पहला लक्षण है कागचेष्टा। एक प्रेमी को प्रेयसी का सानिध्य पाने के लिए कौवे की तरह चेष्टा करनी चाहिए। प्रेयसी की कृपादृष्टि आसानी से प्राप्त होने वाली बस्तु नही है, इसके लिए प्रेमी को सतत प्रयास करना चाहिए। प्रेमी को सोते जगते सिर्फ प्रेयसी के बारे में ही सोचना और उसकी कृपा प्राप्त करने के प्रयास करने चाहिए। जिस प्रकार कौवा रोटी खाने के लिए सौ तरह के उड़ान भरता है, प्रेमी को भी उसी प्रकार प्रेयसी के ऊपर मंडराते रहना चाहिए। जीतन राम मांझी की तरह उसकी किस्मत कभी भी खुल सकती है।
प्रेमी का दूसरा लक्षण है बकोध्यानम। प्रेमी को भावी प्रेयसी की दिनचर्या पर बगुले की तरह ध्यान गड़ा कर रहना चाहिए। उसे प्रेयसी के हर कदम की जानकारी होनी चाहिए, अन्यथा थोड़ी सी लापरवाही से ही वह रामबिलास पासवान की तरह ताला लेकर घूमता रहा सकता है और प्रेयसी किसी और के साथ सरकार बना सकती है।
प्रेमी का तीसरा गुण है श्वाननिद्रा। एक उच्च कोटि के प्रेमी को सदैव श्वान अर्थात कुत्ते की तरह सोना चाहिए, ताकि यदि प्रेयसी किसी और के साथ रात को भागना भी चाहे तो प्रेमी तुरन्त उसके पिता तक यह खबर पहुचा कर उसे भागने से रोक भी ले, और उसके पिता की नजर मे एक आदर्श युवा की छवि बना कर भविष्य के लिए भी रास्ता साफ कर ले।
प्रेमी का चौथा और सबसे आवश्यक लक्षण है अल्पहारी होना। प्रेमी यदि अल्पाहारी न हो तो उसकी तोंद निकल जाती है और फिगर ख़राब जाती है। ऐसी स्थिति में यदि प्रेमी प्रेमिका के सामने आ जाये तो वह उसका परिचय अपनी सहेलियों से कुछ इस प्रकार कराती है- "कौन यो? यो तो मेरे एक्स ब्वायफ्रेंड का मामू हैगा"।
फिर यदि प्रेमी अल्पाहारी हो तो उसकी पॉकेटमनी बची रहेगी जिसका सदुपयोग वह प्रेयसी के मोबाईल में रिचार्ज करा कर कर सकता है। अतः प्रेमी को सदैव अल्पाहारी होना चाहिए।
प्रेमी का अंतिम लक्षण है गृहत्यागी। प्रेमी को हमेशा गृहत्यागी होना चाहिए। प्रेम के काल में उसे अपने घर उसी तरह आना चाहिए जिस तरह एक विजयी नेता अपने क्षेत्र में आता है। प्रेमी को अपना अधिक से अधिक समय प्रेयसी की गली में ही गुजारना चाहिए। प्रेयसी की गली में ज्यादा से ज्यादा समय गुजारने के अनेकों फायदे हैं। पहला फायदा तो यह है कि आपको उसकी गली के बारे में सबकुछ पता हो जायेगा और आपको प्रेयसी के अन्य प्रेमियों की हर हरकत का पता चलता रहेगा। फिर उन सब को ध्यान में रखते हुए आप अपनी योजना बना कर उन्हें पीछे छोड़ सकते हैं।
इसका दूसरा फायदा यह है कि यदि प्रेयसी के घरवाले अपनी गली में पकड़ कर आपकी थुराई करना चाहें तो उस स्थिति में आप आसानी से भाग कर अपना पाकिस्तान बचा सकते हैं क्योंकि आपको सभी गुप्त रास्तों का पहले से पता रहेगा।
इस तरह इन कुछ आवश्यक नियमों का पालन कर हर व्यक्ति एक सफल प्रेमी बन सकता है।


सर्वेश तिवारी श्रीमुख
गोपालगंज, बिहार।
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