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भोजपुरी कहानिया

शारदीय नवरात एहू से विशेष मनाले काहें कि राम जी शक्ति पावे खातिर दुर्गा माई के पूजा कइले रहनीं।

शारदीय नवरात एहू से विशेष मनाले काहें कि राम जी शक्ति पावे खातिर दुर्गा माई के पूजा कइले रहनीं।
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राम रावण के युद्ध में जब रावण हरबे ना करे...लागल कि शक्ति अन्याय की ओर बाड़ी ...त राम जी शक्तिपूजा कइलें। अइसन कथा बा कि दुर्गा जी के चढ़ावे खातिर एक सौ आठ कमल के फूल राम जी रखले रहनीं । दुर्गा माता एगो फूल ओझल क दिहली।
राम जी चिन्तित भइलें...उनका आँखि में लोर नाचि गइल् ...कि लागता अन्याय के पक्ष में आदिशक्ति बाड़ी...हमार पूजा स्वीकार ना होई।

एमें एगो क्षेपक कथा बा...कि...राम जी के आँखि में लोर नाचल देखि के ..आंजनेय हनुमान रौद्र रूप में आ गइलें...कि ए सृष्टि के हम तहस नहस क देबि....जहाँ हमरा राम जी के आँखि में लोर आ गइल....हम एह ब्रह्मांड के उखाड़ पखाड़ देबि। बहुते देव लोग समझावल...ना मनलें। फेर देवता लो में से केहू कहल् कि इनका माई के बोलाव लोग। उनुकर बाति सुनिहें।
अंजना माता के उनका सामने देवता लोग ले गइलें। उनकर शरीर विशाल हो गइल रहे..आ मुँह आकाश में रहे। त ओह ऊँचाई पर देवता लोग अंजना माता के ले गइल्। बबुआ मान जा...! सृष्टि के संहार मति करsss -अंजना माता कहली।
हनुमान जी कहलें कि ..ना माई....हमरा स्वामी के एह सृष्टि में कष्ट होत बा। हम अइसन सृष्टि ना रहे देबि....तू सामने से हट जो माई !!!
फेर अंजना माता कहली...।कि सृष्टिसंहार से पहिले अपना स्वामी से आज्ञा लीहल ह...बबुआ??

ई सुनिके....जइसे हनुमान जी के क्रोध प पानी परि गइल्.... उनुकर पर्वताकार शरीर छोट होखे लागल।

एने राम जी ....के याद आईल कि एगही फूल कम होत बा......माई कोसिला हमके ...राजीवनयन कहेली....मने कमल नीयर आँखि। त काहें ना एगो अँखिए हम चढ़ा दिहीं। एगो तेज बाण लेके आपन आँखि निकाले जाते रहनीं रामजी....त.... आदिशक्ति प्रकट होके हाथ ध लिहनीं। ई त राउर परीक्षा लियात रहल ह....।

फेर विजयादशमी के रावण मराईल रहे।

अइसन तत्वदर्शी लोग कहेला...कि रामायण अपना भीतरे चलत रहेला। सत् असत् के द्वन्द्व ।

दुर्गा जी के उपासना से......अपना भीतर के राम के बरियार करीं सभे।

नव दिन..सात्विकता के साथे समर्पित होके माँगी....माई से....

रूपं देहि जयं देहि यशो देहि....द्विषो जहि!!!

ए माई रूप दीह.....जय दीह...यश दीह.....
आ काम क्रोध के....दुगो विष के जरा दीह.. ss

जय माता ।

@पुरूआ की ओर से सभे के शुभकामना।
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