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कान्हा ने इसलिए दिया था पांडवों का साथ

कान्हा ने इसलिए दिया था पांडवों का साथ
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भगवान श्रीकृष्ण ने अपने जीवनकाल में अनेक लीलाएं रचीं। जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर आइए जानते हैं भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में।
भगवान श्रीकृष्ण के 108 नाम हैं। पुराणों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण की आयु 125 वर्ष बताई गई है, वहीं ज्योतिषों का मत है कि भगवान श्रीकृष्ण की आयु 110 वर्ष थी। महाभारत युद्ध के दौरान श्रीकृष्ण ने पांडवों का साथ इसलिए दिया क्योंकि वासुदेव जो श्रीकृष्ण के पिता थे, उनकी बहन कुंती थीं जो कि पांडवों की माता थीं। भगवान श्रीकृष्ण ने द्वारिका नगरी का निर्माण किया परंतु वह कभी भी द्वारिका में छह माह से अधिक नहीं रुके।
भगवान श्री कृष्ण के शंख का नाम पांचजन्य था, जो गुलाबी रंग का था। उनके रथ का नाम जैत्र तथा उनके सारथी का नाम दारुक-बाहुक था। उनके रथ में प्रयुक्त अश्वों का नाम शैव्य, सुग्रीव, मेघपुष्प तथा बलाहक था। भगवान श्रीकृष्ण के धनुष का नाम शारंग तथा उनके अस्त्र का नाम सुदर्शन चक्र था। महाभारत युद्ध की समाप्ति के बाद गांधारी ने महाभारत युद्ध के लिए श्रीकृष्ण को दोषी ठहराते हुए श्राप दिया था कि जिस प्रकार कौरवों के वंश का नाश हुआ है, उसी प्रकार यदुवंश का भी नाश होगा।
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