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प्रधानमंत्री का ये कैसा जूनून।

प्रधानमंत्री का ये कैसा जूनून।
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आज कल भारत के सोशल मीडिया पर खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के कैलेंडर पर प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर की काफी चर्चा हो रही है सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इसकी आलोचना की और कहा कि मोदी ने बापू की जगह ले ली. केवीआईसी के कैलेंडर और डायरी में साल 2017 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर छापी गई है,

उस वक्त पूरा देश हैरान रह गया जब कैलेंडर के कवर पर प्रधानमंत्री जी की तस्वीर दिखी,इस तस्वीर में मोदीजी चरखा चलाते दिख रहे हैं, इससे पहले गाँधी जी की ही तस्वीर दिखती रही है।इससे प्रधानमंत्री जी क्या हासिल करना चाहते हैं ये तो वही जानें पर अगर कड़े शब्दों में कहें तो आजाद भारत में ऐसी बहियात हरकत किसी माननीय द्वारा नहीं की गई है,सरकार का कहना है कि कोई नियम नहीं की तस्वीर गाँधी जी की ही छपे, सरकार का ये तर्क पुरी तरह से नामाकूल है।

गाँधी सत्ता के प्रतीक नहीं थे,गाँधी जी के स्थान पर किसी सत्ताधारी पार्टी के नेता का चित्र छपना बताता है कि आज राजनीती आपने ओछे स्तर पर आ खड़ी है,प्रधानमंत्री जी अपना वर्चस्व बनाये रखने के लिए गाँधी जी को भी हासिये पर लाने को बेचैन हैं। जिन्हें राष्टपिता का सम्मान देश ने दिया उनकी तस्वीर कूड़ेदानों पर सरकार ने उतार दिया और अब कड़ी में उनकी जगह मोदी जी ने लेलिया है यह देश का दुर्भाग्य ही है। पूरा खादी उधोग ही गाँधी जी के दर्शन,विचारो और आदर्शों पर आधारित है ऐसे में गांधी जी को ही नजरअंदाज करना सरकार के दूषित मंशा को ही उजागर करता है।

सरकार की ओर से ऐसे महात्मा गांधी के दर्शन,विचारो और आदर्शों को ख़ारिज किये जाने से पूरा देश दुखी है। पिछले साल भी ऐसा प्रयाश किया गया था जब इस मुद्दे को आयोग की स्टाफ यूनियन ने उठाया था,इस पर मैनेजमेंट ने भविष्य में ऐसा न करने की अस्वासन दिया था । अमेरिका में किसी ने लार्ड वाशिगटन की जगह लेने का प्रयत्न कभी नहीं किया,


अजय यादव

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